यूरोप, एक ऐसा महाद्वीप जो कभी मांसाहारी परंपराओं का गढ़ था। लेकिन, अब यह महाद्वीप एक अनूठे बदलाव की ओर बढ़ रहा है। पिछले कुछ सालों में, शाकाहारी जीवनशैली न केवल सेहत के लिए वरदान साबित हो रही है, बल्कि पर्यावरण और नैतिक चिंताओं के संदर्भ में भी एक इंक़लाब का रूप ले चुकी है।
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