यह ढाई किलो का आम है, पेड़ पर ही हो जाती है खरीदारी के लिए बुकिंग


फलों का राजा कौन है? यह प्रश्न सुनते ही हर किसी की जुबान पर एक ही उत्तर होता है, ‘आम’। भारत में हर प्रदेशवासी को अपने-अपने इलाके के कोई न कोई किस्म के खास आम पसंद होते हैं। तेज गर्मी में आम का स्वाद इसे पसंद करने वाले को तरोताजा कर देता है। ‘नूरजहां’ के नाम से यह प्रसिद्ध आम 500 नहीं बल्कि एक हजार रुपये प्रति किलो तक इसकी बाजार में मांग है। आम ”नूरजहां” अपने अंदर इतने अधिक गुण समेटे हुए है कि उसे एक बार में ही सभी पसंद करते हैं।

आम की भी कई किस्म होती हैं और उनके कई नाम भी होते हैं। लेकिन, मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में सभी आमों से हटकर होता है। आमों की ‘मल्लिका-ए-हुस्न’ के रूप में मशहूर ”नूरजहां” किस्म एक ऐसा ही खास आम है। अलीराजपुर जिले में बहुतायत में लगने वाले इस आम ”नूरजहां” की बाजार डिमांड को इससे भी आप समझ सकते हैं कि यह आम 500 नहीं बल्कि एक हजार रुपये प्रति किलो तक में गर्मी के सीजन में बाजार में जाता है और विदेश के कई मुल्कों में यह इससे भी कई गुना महंगी कीमत में भेजा जाता है।

इस आम की खासियत ऐसी होती है कि फल लगते ही प्रति आम के हिसाब से इसकी पेड़ पर ही बुकिंग हो जाती है। ‘नूरजहां’ के बाग को अपने खेतों में प्रमुखता से लगाने वाले कृषक शिवराज सिंह जाधव बताते हैं कि इस आम का आकार भी काफी बड़ा होता है। एक तरफ इसका आकार इसकी खासियत बताता है, वहीं दूसरी ओर, इसका स्वादिष्ट रस सभी को बार-बार इसके स्वाद को चखने के लिए प्रेरित करता है। इसके इसी स्वाद के आनंद के कारण ही लोग इस आम को टूटने के पहले ही पेड़ पर बुक कर देते हैं। उनका कहना यह भी है कि मध्य प्रदेश और गुजरात के आम प्रेमियों ने इन आमों की बुकिंग कर दी है। इस वक्त एक नूरजहां आम का वजन दो किलो से लेकर 3.5 किलोग्राम तक है।

किसान शिवराज कहते हैं कि नूरजहां अफगान मूल का आम है। इसकी पैदावार सिर्फ अलीराजपुर के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में ही होती है। यह इलाका गुजरात सीमा से लगा हुआ है और यहां की जो मिट्टी है उसकी खास तारीर के कारण से यह आम अपने आप में विशेष आकार एवं स्वाद वाला हो जाता है।

बता दें कि शिवराज सिंह जाधव यहां पर नूरजहां आम के तीन पेड़ों के मालिक हैं और इनपर 250 आम आए हैं। एक आम की कीमत बाजार में 500 से लेकर 1000 रुपये तक है। पेड़ पर आए इन सभी आमों की बुकिंग भी पहले ही हो चुकी है। इसी से आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि इन आम के तीन पेड़ों से ही, वह हर साल लाखों रुपये कमा लेते हैं और समृद्ध किसानों में गिने जाते हैं।

उनकी तरह ही कट्ठीवाड़ा में इस आम की बागवानी के विशेषज्ञ के रूप में अपना स्थान रखने वाले इशाक मंसूरी कहते हैं कि इसके फल जून की शुरुआत में पककर फल के रूप में बिक्री के लिए तैयार हो जाते हैं,। उन्होंने बताया है कि नूरजहां आम के भारी-भरकम फल लगभग एक फुट तक लम्बे होते हैं और इनकी गुठली का वजन ही 150 से 200 ग्राम के बीच आता है।

वह यह भी बताते हैं कि इस बार नूरजहां की फसल पिछले साल की तुलना में बहुत अच्छी है। गत वर्ष जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों का सीधा प्रभाव नूरजहां पर दिखाई दिया जिसके कारण से ज्यादातर आम के पेड़ों पर बौर ही नहीं आ पाए थे, जिस वजह से यह सभी नूरजहां शौकीनों को इसका स्वाद नहीं मिल पाया था, लेकिन इस बार प्रकृति मेहरबान रही है। आम पर्याप्त संख्या में हुआ है। इस बार इसके स्वाद से किसी को वंचित नहीं रहना पड़ेगा।


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