कोरोना से लड़ने में असम की चाय एक बड़ी भूमिका निभा सकती है। इस महीने जारी हुई 'टोकलाई टी रिसर्च सेंटर' की रिपोर्ट के अनुसार असम की ब्लैक टी में ऐसे अवयव पाए जाते हैं जो शरीर में कोरोना वायरस के प्रसार को रोक देते हैं। इस तरह, यह ‘इम्यूनिटी बूस्टर’ का काम करती है।
अब सवाल यह है कि आखिर असम के बागानों की चाय में ऐसा क्या है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर एके बरुआ बताते हैं कि हमें टेनिन प्रोटीन चाय से मिलती है। यह प्रोटीन बाकी किसी भी फसल से हमें नहीं मिल पाती और टेनिन सबसे बेहतर इम्यूनिटी बूस्टर है।
रिपोर्ट के अनुसार ब्लैक टी में ऐसे अवयव पाए जाते हैं जो वायरस के शरीर में प्रसार को रोक देते हैं, यानी कोरोना वायरस शरीर में ज्यादा जगह पर फैल नहीं पाता। कोरोना के शुरुआती दौर में इस इंडस्ट्री को काफी घाटा उठाना पड़ा था लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। ऐसे में एशिया के पहले टी रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट, असम की चाय की इस विशेषता को साबित कर रही है कि असम की चाय न सिर्फ ताजगी देती है, बल्कि ताकत भी देती है।
यदि एक व्यक्ति दिन में चार से पांच कप ब्लैक टी पीता है तो यह उसके शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में काफी मदद करेगा। ब्लैक टी पर की गई हाल ही की रिसर्च से यह बात सामने आती है कि आने वाले समय में यदि इसे और अधिक डेवलप किया जाए तो कोरोना वायरस से लड़ने में ब्लैक टी एक बड़ी भूमिका निभा सकती है।
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