मोटा अनाज, जिन्हें ‘श्री अन्न’ के नाम से भी जाना जाता है, सदियों से भारतीय आहार में शामिल महत्वपूर्ण अनाज हैं। यह उल्लेखनीय सुपरफूड न केवल ग्लूटेन-मुक्त होने की खूबी से युक्त हैं, बल्कि ढेरों महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भी भरपूर हैं। विविध पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रति उनकी अनुकूलता और उनकी पर्यावरण-अनुकूल प्रकृति के लिए इन अनाजों की प्रशंसा की जाती रही है।
अपने विभिन्न रूपों में ये मोटे अनाज खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने, पोषण को बढ़ाने और हमारे सामने आने वाली विभिन्न वैश्विक चुनौतियों के बीच स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। मोटे अनाजों से जुड़ी भारत की पहल दुनियाभर में इन खाद्य पदार्थों के लिए एक लोकप्रिय और स्वस्थ आहार के विकल्प के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
वर्ष 2023 को आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में नामित किया गया है, जो कि इस प्रामाणिक एवं पौष्टिक भारतीय सुपरफूड को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल ही में संपन्न हुए वर्ल्ड फूड इंडिया-2023 आयोजन में मोटे अनाजों की बहुमुखी खूबियों को न केवल प्रदर्शित किया गया बल्कि इसमें इन अनाजों को शामिल करके तैयार किए जाने वाले विभिन्न व्यंजनों, स्नैक्स और डेजर्ट सहित पाककला की एक विस्तृत श्रृंखला पेश की गई।
आयोजन के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी की डॉ. रुतिका ने रागी लड्डू, हलीम नाचोस और रागी पॉप्स जैसे कई व्यंजन प्रस्तुत किए, जो विटामिन ई, लेसिथिन, मेथियोनीन, मैग्नीशियम और आयरन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर हैं और हमारे समग्र स्वास्थ्य में योगदान करते हैं।
हिंदुस्तान लेवल यूनाइटेड ने श्री अन्न के विभिन्न किस्मों से सजी ‘मिलेट इंडिया प्लैटर’ नाम की एक सुरुचिपूर्ण बड़ी थाली पेश की। इस अनूठी थाली में ज्वारचाट, मिलेट थालीपीठ, मिलेट मेथीथेपला और मिलेट बनारसी पान जैसे स्वादिष्ट व्यंजन शामिल हैं, जो इन अनाजों की विविध पाक संबंधी क्षमता को प्रदर्शित करते हैं।
मोटे अनाजों पर आधारित इन खाद्य पदार्थों का उत्पादन एवं प्रचार हमारी जड़ों की ओर लौटने की दिशा में एक उल्लेखनीय शुरुआत है। मोटे अनाजों पर आधारित व्यंजनों के अपने आकर्षक प्रदर्शन के साथ ही वर्ल्ड फूड इंडिया 2023 ने इन प्राचीन अनाजों के आधुनिक पाक व्यंजनों में शामिल होने की उल्लेखनीय यात्रा का उदाहरण भी पेश किया।
जैसे ही हम इन पौष्टिक एवं पर्यावरण के अनुकूल खान-पान संबंधी खजानों का आनंद लेते हैं, हम बेहतर कल्याण, स्थिरता और भारत की समृद्ध पाक विरासत की सराहना करने की दिशा में अग्रसर हो जाते हैं।
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